मेरी डायरी से - 1- फ़ास्फ़ोरस ( phosphorous)

Monday, 9 April 2007

कभी-2 कुछ रोगी हमेशा एक समस्या बन जाते हैं और कभी-2 होम्योपैथिक औषधियों के परिणाम तो उससे भी अधिक आशचर्यचकित करने वाले होते हैं। अब श्रीमान ब्रीजेश को ही लें , पिछले कई सालों से अस्थमा ( bronchial asthma) से पीडित हैं और उम्र भी कुछ अधिक नहीं , मात्र 25 साल । अक्टुबर 2006 मे आप मेरे पास आये और चाहते हैं कि inhaler और bronchodilators से पूर्ण्तया छुट्कारा मिले ; जो वह कई सालों से ले रहे हैं। होम्योपैथिक तरीके से रोगी के लक्ष्णो को लिया गया जो निम्म थे :
Kent ] [Respiration]Difficult:Lying:Amel:
[Kent ] [Respiration]Difficult:Exertion:After:
[Kent ] [Respiration]Difficult:Walking:Agg:
[Complete ] [Generalities]Food and drinks:Sweets:Desires:
[Complete ] [Generalities]Food and drinks:Spices, condiments, piquant, highly seasoned food:Desires:
[Complete ] [Stomach]Heartburn:

रोगी के लक्षणों मे जो विशेष बात थी कि साँस फ़ूलने मे लेटने से आराम मिल रहा था और चलने -फ़िरने मे तकलीफ़ बहुत अधिक बढ जाती थी। इसके अलावा सीने मे जलन , खाने -पीने मे चटपटी चीजों का शौक भी था। एक बात और कि उस मौसम मे जब लखनऊ मे कोई विशेष ठंडक नही होती , वह कुछ अधिक कपडे पहने था।
रोगी जहाँ रह रहा था वह जगह स्वास्थ के लिहाज से कोई विशेष उपयुक्त नही थी, धूप का घर मे अभाव था और घर मे सीलन काफ़ी थी (hydrogenoid constitution ) ।खैर लक्षणो को रिपरटार्जेशन के लिये डाला गया और कम्पलीट रिपर्ट्री और केन्ट रिपर्ट्री की मदद ली गयी। Drug Filters को apply किया और जैसा उम्मीद थी कि Psorinum औषधि के विकल्प मे आयी । तो prescription कुछ इस तरह बना:
29-10-06 = psorinum 200 1*3 { 15 दिन मे एक बार }
nat sulph 6x 4 TDS { रोगी के hydrogenoid constitution को ध्यान रखते हुये दी गयी }

18-11-06= कोई विशेष आराम नही, औषधि बदली गई।
Nux vom 30 TDS
Nat sulph 6x
Blatta Q 10 बूंद तीन बार, आवशय्कता पडने पर { Blatta Q को palliation के लिये दिया गया ।}
22-12-06 = आराम और वह भी जब तक Blatta Q का असर रहे , जाहिर है कि यह सिर्फ़ अभी तक palliation ही था।

इस बार drug filters को apply नही करते हुये सामान्य रिपरटार्जेशन का सहारा लिया गया और दोनो रिपर्ट्री केन्ट और कम्पलीट को एक साथ प्रयोग किया गया , जिसकी आकृति नीचे है:
1
Ars, sulp,puls, phos मे से अब की बार phos देने का मन बनाया , क्योकि इसकी वजह नीचे दी गयी आकृति से स्पष्ट है :
2

25-12-06= Phosphorous 1000 {15 दिन मे एक बार }
Nat sulp 6x 4 TDS
10-1-2007= अब की बार रोगी सन्तुष्ट दिखा, इन 5 दिन के दौरान उसे न तो उसे inhalers का प्रयोग करना पडा और न तो blatta Q को लेना पडा। Wheezing न के बराबर थी और उसकी जगह crepitations ने ले ली थी।
15-1-2007= Phosphorous 1000 1*3
Nat Sulph 6x 4 TDS
22-2-2007 = Phosphorous 1000 1*3
Nat Sulph 6x 4 TDS
16-3-2007 =Phosphorous 1000 1*3
Nat Sulph 6x 4 TDS

Phosphorous 1000 ने जैसा कि अब तक लग रहा है कि फ़िलहाल रोगी को अब तक अस्थमा की समस्या से छुटकारा देने मे उपयुक्त औषधि है। अभी यह रोगी इन औषधियों का नियम से सेवन कर रहा है ।
लेकिन यह रोगी होम्योपैथिक दृष्टिकोण से मेरे लिये कई प्रशन खडे कर गया जिसका जबाब मै ढूँढ रहा हूँ ।
प्रशन 1- होम्योपैथिक मैटेरिया मेडिका मे यह कही भी वर्णित नही है कि फ़ाफ़्फ़ोरस मे साँस फ़ूलने मे लेटने से आराम मिलता है (dyspnoea > lying down )नीचे देखें। हाँ , Generalities मे अवशय लक्षण लेटने से और वह भी दायीं करवट लेटने से आराम दिलाते हैं (> Lying on right side ) और बायीं करवट से तकलीफ़ बढती है।
3
ऊपर आकृति न 2 मे केन्ट रिपर्ट्री इस लक्षण को कवर नही कर रहा है बल्कि कम्पलीट रिपर्ट्री मे यह आराम दिखा रहा है, यह कैसे हुआ। क्या यह clinical verification मे आया है । इसका जबाब मेरे पास नही है। लेकिन यह भी सच है कि रोगी को कम्पलीट रिपर्ट्री के भले ही clinical verification के जरिये से ही सही; रोग मे पूर्णतया आराम मिला है। इस लक्षण को मैने ग्रीस (Greece)के डा जार्ज विथेलीकोस (Dr George Vitholuks) से जबाब जानने के लिये एक हफ़्ते पहले मेल किया था और उनके जबाब की मुझे प्रतीक्षा है । इसके अलावा जो होम्योपैथिक चिकित्सक इस ब्लाग से गुजर रहे हो , वह भी मुझे बताये कि क्या वजह रही कि लक्षण मेटेरिया मेडिका मे न हiने के बावजूद रोगी को आराम दे गया। आपके उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी।

नये रोगों(Acute Diseases) मे मदर टिन्चर के प्रयोग और कई महत्वपूर्ण डाऊनलोड लिंक

Monday, 26 March 2007

नये रोगों मे सही सिमिलिमम का चयन करना होम्योपैथिक चिकित्सकों के लिये और विशेष नये चिकित्सक के लिये हमेशा एक सरदर्द सा रहता है । पुराने रोगों (Chronic Diseases)मे सिमिलिमम को रिपरटारिज करके चयन के लिये पर्याप्त समय होता है लेकिन नये रोगों मे एक चिकित्सक के पास इतना समय नही होता कि वह सही सिमिलिमम का चयन करे और उसका नतीजा कि आरम्भ मे ही रोगी का विशवास अपने चिकित्सक से ऊठ सा जाता है। बहुत से होम्योपैथिक चिकित्सक मदर टिन्चर का प्रयोग करके अपनी इस मुसीबत से काफ़ी हद तक छुटकारा पा रहे हैं। मदर टिन्चर यानी औषधि का मूल रूप का प्रयोग , हाँलाकि होम्योपैथी के सिद्दातों से बहुत हद तक इसकी पटरी नही खाती लेकिन फ़िर भी इनके निष्कर्ष जल्दी आते हैं। और सबसे बडी बात यह कि इनमे एक रोगी के लक्षणों को औषधि के लक्षणों से मिलाने की कोई बहुत अधिक आव्शय्कता नही पडती ।
मदर टिन्चर के प्रयोगों पर कोई बहुत अधिक संग्रह पुस्तकों का नही दिखता , Anshutz की New , Old & Forgotten Remedies ( प्रकाशक-Indian Books & Periodicals Syndicate ) , डा घोष की Drugs Of Hindustaan , Erlie Jones और यदुवीर सिन्हा की मदर टिन्चर पर पुस्तक थोडी बहुत जानकारी अवशय देती है, लेकिन Anshutz की New , Old & Forgotten Remedies और डा घोष की Drugs Of Hindustaan को छोडकर बाकी पुस्तकें जानकारी के मामले मे अपर्याप्त ही है ।
फ़ेल्टर की कम्पलीट मैटेरिया मेडिका टिन्चर प्रेमियों के लिये एक वरदान सी है। कल पाकिस्तान के डा मन्सूर अहमद ने यह महत्वपूर्ण लिंक भेजा है। सम्पूर्ण पुस्तक यहाँ से डाऊनलोड करें और पुस्तक को आनलाइन यहाँ पर देखें.

Arizona South West School Of Botanical Medicine के माइकल मूर ने फ़रवरी 1-2007 को साईट को अपडेट किया है, कई महत्वपूर्ण लिंक इस पेज पर है जो होम्योपैथिक चिकित्सकों के काफ़ी काम आ सकते हैं।

इसके अलावा शिकागो के Ellingwood की थेरापियूटिक्स और मैटेरिया मेडिका को भी Acrobat .pdf files मे यहां से डाऊनलोड कर सकते हैं और अगर इसको html मे देखना चाहें तो यहाँ देख सकते हैं।
ईलिगवूड की थेरापियूटिक्स के महत्वपूर्ण ग्रुप नीचे दिये हैं:



the.gif
Group I - Agents Acting on the Nervous System - 205 pages - 432K
1-1-Antipyretics.pdf
1-2-Analgesics.pdf
1-3-Sedatives.pdf
1-5-Minor nerve tonics.pdf
1-7-Reproductive Sedatives.pdf
2-1-Nerve Stimulants.pdf
2-2-Alcohol-antimalarials.pdf
2-3-Circulatory Stimulants.pdf
3-1-Tonic Stimulants.pdf
3-2-Sedative Stimulants.pdf
Antipyretics chart.pdf - 20k

Group II - Agents Acting Upon the Heart - 40 pages - 92K
1-Heart Agents.pdf
2-Heart Agents.pdf
Heart Remedy Chart.pdf

Group III - Agents Acting Upon the Respiratory Tract - 53 pages - 120K
1-Nauseating Expectorants.pdf
2-Mucosa Stimulants.pdf
3-Mucosa Stimulants.pdf
4-Sedatives and Tonics.pdf
5-Sedatives and Tonics.pdf

Group IV - Agents Acting upon the Stomach - 57 pages - 128K
1-Stomachics.pdf
2-Minor Stomach Tonics.pdf
3-GI Sedatives.pdf
4-Anti-emetics.pdf
5-Emetics.pdf
7-Digestives.pdf

Group V - Agents Acting upon the Intestinal Glandular Organs and the Canal - 84 pages - 188K
1-Laxatives-Cathartics.pdf
2-Liver Stimulants.pdf
3-Mild Liver Stimulants.pdf
4-Hydragogue Cathartics.pdf
6-Intestinal Astringents.pdf
7-Astringent Tonics.pdf
8-Hemostatic Astringents.pdf
Liver Herb Chart.pdf

Group VI - Agents Influencing the Character of the Blood - 90 pages - 204K
1-Antiseptic Alteratives.pdf
2-Glandular Alteratives.pdf
3-Special Glandulars.pdf
4-Antiseptic Alteratives.pdf
5-Special Alteratives.pdf
6-Antirheumatic Alteratives.pdf

Group VII - Agents Acting Upon the Genitourinary Organs - 62 pages - 140K
1-Renal Stimulants.pdf
2-Renal Stimulants.pdf
3-Stimulant-Sedatives.pdf
4-Sedatives-Correctives.pdf
5-Renal Correctives.pdf
6-Renal Correctives.pdf
7-Special remedies.pdf

Group VIII - Agents Used for Their Influence Upon the Skin - 19 pages - 56K

Group IX - Agents Acting upon the Female Reproductive Organs - 22 pages - 60K
Reproductive Herb Chart.pdf

Group X - Agents Acting upon Intestinal Parasites-Anthelmintics - 10 pages - 32K

कम्पयूटर को जल्दी खोलने और जल्दी बन्द करने का उपाय

Monday, 19 March 2007

कुछ दिन पूर्व सागर भाई ने कम्पयूटर को जल्दी बन्द करने और रिस्टार्ट करने का जुगाड बताया था। इधर मै अपनी क्लीनिक और घर दोनो ही के कम्पयूटर मे यह जुगाड चला रहा था। लेकिन कम्पयूटर की विन्डोज को खुलने और लोड लेने मे शुरू मे काफ़ी समय लग जाता था और इसका अभी तक मेरे पास कोई भी समाधान नही था। कल मेरे मित्र मोहित ने इस समस्या का निदान चुटकी मे कर दिया । आप भी कर सकते है अगर आप के कम्पयूटर की विन्डोज ( XP) खुलने मे समय ले रही हो।
1- सबसे पहले तो यह सुनिशिचित कर ले कि आप के कम्पयूटर की रैम कम से कम 256 हो।
2- डेस्कटाप पर rt click करें--properties पर जायें--screensaver पर किल्क करें--नीचे देखें power का विकल्प दिख रहा है--
2
3-power पर किल्क करें---power options properties पर जायें----hibernate पर किल्क करें---enable hibernate बाक्स को चेक कर दें----apply करे और ok कर दें।
3

3- Power options properties को दोबारा किल्क करें ----advanced पर जायें----when I press the power button on my compuer मे विकल्प मे hibernate पर किल्क करें----apply और ok कर दें।
4
4- अब आपका कम्पयूटर hibernation के लिये बिल्कुल तैयार है।
5- अपने कम्पयूटर को शट डाउन करते समय hibernate के विकल्प को देखते गुये किल्क करें।
1
6- कम्पयूटर को दोबारा स्टार्ट करें , और अब देखें कि आपका पी सी कितनी द्रुत गति से खुल रहा है।

होम्योपैथी मे MD करने के विकल्प

Friday, 16 March 2007

कुछ दिन पूर्व मुम्बई से जूही जो B.H.M.S. अन्तिम वर्ष की छात्रा हैं ,पूछा था कि B.H.M.S करने के बाद होम्योपैथी मे MD psychiatry करने के लिये क्या-2 विकल्प हैं।
जूही
hello sir..actually m a final year BHMS student..i'm intersted in doin sumthing in pschiatry after dis..cud plz guide me a little bout it n wether there's MD psychiatry after BHMS?


जूही की तरह और भी होम्योपैथिक छात्र और कई चिकित्सक संभवत: उत्सुक होगें कि होम्योपैथी मे MD किन -2 विषयों मे और किन होम्योपैथिक मेडिकल कालेज से कर सकते हैं ।
MD ( होम्योपैथी ) 3 वर्षीय कोर्स है जो B.H.M.S करने के बाद इनमे से किसी 1 विषय मे कर सकते है
Materia Medica
Organon of Medicine
Repertory
Pharmacy
Practice of Medicine
Psychiatry
Pediatrics
MD (होम्यो) करने के लिये संबन्धित होम्योपैथिक कालेजों की लिस्ट नीचे दी गयी है । इनमे से central council ने 5 सरकरी कालेजों और 12 प्राइवेट कालेजों को अधिकृत किया है ।
सरकारी कालेज ( Govt. Colleges) :-

1-J. S. P. S. Govt. Homoeopathic Medical College, Ramanathapur, Hyderabad- University of Health Sciences, Vijaywada, Andhra Pradesh.
2-Govt. Homoeopathic Medical College, Irnamuttam, P.O. Manacaud, Thiruvananthapuram- I, - Kerala University, Thiruvananthapuram, Kerala
3-Govt. Homoeopathic Medical College, Karaparamba, Calicut, (Kozhikode)- Calicut University, Calicut, Kerala
4-Dr. Abhin Chandra Govt. Homoeopathic Medical College and Hospital, Unit- III, Kharvela Nagar, Bhubaneshwar, Distt. Puri, Utkal University, Bhubaneswar,Orissa.
5. National Institute of Homoeopathy, Block- GE, Sector- III, Salt Lake, Calcutta, Govt. of India.

प्राइवेट कालेज:
1-Bakson Homoeopathic Medical College & Hospital, (Dr. Kirpal Singh Bakshi Memorial Trust) D-6, Sector-10, NOIDA, UP- Rajasthan Vidyapeeth (Deemed University)
2-Jahangir Memorial Charitable Hospital Society Shri Sai Nath P. G. Institute of Homoeopathy, 109/4, Jawaharlal, Nehru Road, George Town, Allahabad, UP.
3-Dr. Madan Pratap Khuteta Rajasthan Homoeopathic Medical College, Vanasthali Marg, Station Road, Jaipur, Rajasthan- Rajasthan University, Jaipur.
4-Dr. M. L. Dhawale Memorial Trust, 40 Parekh Street, St. Girgaum, Mumbai- 400001, Maharasthra
5-Sonajirao Kshirsagar Homoeopathic Medical College, Vidhya Nagar, College Road (W), Beed-431122- Maharashtra University of Health Sciences, Nashik.
6. Shri Bhagwan Homeopathic Medical College and Indira Gandhi Memorial Hospital, CIDCO N- Aurangabad- 431003- Maharashtra University of Health Sciences, Nashik.
7. Kaka Saheb Mhaske Homoeopathic Medical College, Nagapur, Ahmednagar- 414111, Distt-Pune- Maharashtra University of Health Sciences, Nashik.
8. Bhartesh Homoeopathic Medical College, Dharwar Road, Belgaum- 590016, Karnataka-Rajiv Gandhi University of Health Sciences, Bangalore.
9. A. M. Shaikh Homoeopathic Medical College, Nehru Nagar, Belgaum, Karnataka- Rajiv Gandhi University of Health Sciences, Bangalore.
10-Fr. Muller’s Homoeopathic Medical College, Kankanady, Mangalore- 575002, Karnataka, Rajiv Gandhi University of Health Sciences, Bangalore.
11. Homoeopathic Medical College and Hospital, Medical College Campus, Gulbarga-585105, Karnataka – Rajiv Gandhi University of Health Sciences, Bangalore.
12. Dr. V. H. Dave Homoeopathic Medical College and Smt. S. I. Patel(Ipcowala) Homoeopathic Hospital, Hahnemann House, Amul Dairy Road, Anand- 388001, Dist- Kheda, Gujarat- Sardar Ballabh Bhai Patel University, Ballabh Vidhya Nagar

चलते-२ ताजा खबर :
दैनिक जागरण दिनाकं ९-६ -२००७

अब ऊत्तर प्रदेश मे भी पी जी के लिये रास्ता साफ़ ;देखें खबर , "26 साल बाद याद आये होम्यो कालेज "

लखनऊ, 8 जून (जागरण ब्यूरो) : प्रांतीयकरण के छब्बीस साल बाद अंतत: सरकार ने बदहाल होम्योपैथिक कालेजों की सुध ली। सात राजकीय कालेजों में केंद्रीय होम्योपैथी परिषद (सीसीएच) के मानकों के अनुरूप शिक्षकों के 194 तथा शिक्षणेत्तर स्टाफ के 404 नये पद सृजित किये गये हैं।
शिक्षकों के अभाव में इन कालेजों की बीएचएमएस डिग्रियों की मान्यता पर हमेशा सीसीएच की तलवार लटकी रहती थी। बहरहाल, पर्याप्त पद सृजन के बाद लखनऊ, कानपुर और इलाहाबाद होम्योपैथिक कालेजों में पीजी पाठ्यक्रम शुरू होने का भी मार्ग प्रशस्त हो गया है। प्रदेश में सात राजकीय होम्योपैथिक कालेज लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, मुरादाबाद, फैजाबाद, गाजीपुर और आजमगढ़ में हैं। प्रदेश सरकार ने 1981 में इन कालेजों का निजी क्षेत्र से प्रांतीयकरण किया था लेकिन मानकों के अनुरूप शिक्षकों व गैर शिक्षकों के पद सृजित नहीं किये। केंद्रीय होम्योपैथी के मानकों के हिसाब से प्रत्येक कालेज में तेरह प्रोफेसर तथा पंद्रह-पंद्रह रीडर व लेक्चरर के हिसाब से 43 शिक्षक होने चाहिये। जाहिर है कि सात कालेजों में 91 प्रोफेसर, 105 रीडर तथा 105 लेक्चरर सहित कुल 301 शिक्षक होने चाहिए। इसके विपरीत इन कालेजों में सिर्फ 146 पद स्वीकृत थे। इनमें प्रोफेसर और रीडर के सिर्फ दस-दस पद थे यद्यपि लेक्चरर के मानक से कहीं अधिक 126 पद स्वीकृत थे। यह अलग बात है कि इस समय सिर्फ दो प्रोफेसर, तीन रीडर तथा 75 लेक्चरर ही कार्यरत हैं। जाहिर है कि 301 के मानक के विपरीत सिर्फ 80 शिक्षक कार्यरत हैं। कमोबेश ऐसे हालात पिछले छब्बीस सालों से जारी थे। इन हालात में केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद पिछले कई सालों से मानकों के अनुरूप पद सृजित करने के लिए दबाव डाल रही थी। मौजूदा कार्यवाही सीसीएच के दबाव का ही नतीजा है। सरकार ने प्रोफेसर के 81 तथा रीडर के 95 नये पदों के अलावा लखनऊ, कानपुर व इलाहाबाद कालेजों में परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने के मानकों की पूर्ति करते हुए प्रोफेसर व रीडर के नौ-नौ अन्य पद सृजित किये हैं। प्रदेश के किसी भी राजकीय कालेज में फिलहाल पीजी पाठ्यक्रम नहीं चल रहे हैं। इसी के साथ सरकार ने इन कालेजों से सम्बद्ध अस्पतालों के संचालन के लिए चिकित्साधिकारियों, पैरा मेडिकल कर्मचारियों तथा गैर चिकित्सीय स्टाफ के भी 404 पद सृजित किये हैं। क्लीनिकल प्रशिक्षण की दृष्टि से सम्बद्ध अस्पताल किसी भी मेडिकल कालेज का अपरिहार्य अंग होते हैं।
वास्तव में अस्पताल की स्थापना बगैर कालेज संचालन की अनुमति ही नहीं मिलती लेकिन प्रदेश के किसी भी राजकीय होम्योपैथिक कालेज में इनडोर विभाग नहीं थे। बहरहाल, अब सूरत-ए-हाल बदलने की उम्मीद जगी है।

updated 11-6-2007

Relationship of Homeopathic Medicines

Saturday, 10 March 2007

अक्सर मैने क्लीनिकल प्रकैटिस मे कई रोगियों पर डा नैश और डा केन्ट के सुझायी गयी तिकडी को कामयाबी के साथ प्रयोग किया है.
डा नैश ने इस तिकडी को regional trios कहा और इसी तरह डा केन्ट ने भी तीन दवाओं की तिकडी के ११ ग्रुप बनाये जिनको अगर औषधि को रोग से मिलते हुये लक्षणों के समतुल्य दिया जाये तो इनके परिणाम आशचर्यजनक निकलते हैं.
डा नैश की तिकडी (trios)

डा केन्ट की तिकडी
Aco, puls, sil
Coloc, caust, staph
Caust, colocy; staph
Merc ; hep ; sil
Puls ; sil ; kali s
Sulp ; calc ; lyco
Sulp ; saras ; sepia
Arn ; rhus tox ; calc
Aco ; hep ; spong
Sulph ; ars ; sulph
Puls ; sil ; acid