साभार : दैनिक हिन्दुस्तान दिनांक : १२-१-२००९
चिकित्सा क्षेत्र मे व्याप्त यह बदरंग तस्वीर उत्तर प्रदेश के अलावा और किसी प्रदेश की
हो ही नही सकती । लेकिन बात होम्योपैथी की : दिसम्बर तक के वित्तीय आँकडॊ पर नजर दौडायें होम्योपैथिक के लिये बजट १८.६६ करोड , लेकिन खर्च सिर्फ़ २.३५ करोड हुये ; शीर्ष पर बैठे होम्योपैथी के आलाकमान यानी डाइरेक्टर होम्योपैथी को शायद होम्योपैथी की दुर्दशा और हालात नही दिखते । दवा विहीन अस्पताल , पर्याप्त लेक्चर विहीन होम्योपैथिक कालेज , संसाधनों को रोते खीजते कालेज , पी.जी. कोर्स के लिये तरसते होम्योपैथिक चिकित्सक शायद इस आस मे बैटॆ हैं कि कभी उनके दिन बहुरेगें । लेकिन इन नपुसंक होम्योपैथिक अधिकारियों के होते भविष्य मे होम्योपैथिक के दिन सवरेगें ऐसा बिल्कुल भी नही लगता ।