गत सप्ताह नैनीताल भ्रमण के दौरान मुक्तेशवर जाते समय भवाली में फ़लॊ की मार्केट को देखकर रुकने का मोह छोड न पाया । कुछ नये फ़ल मुझे दिखे जो यहाँ मैदानी इलाकों मे कम ही दिखते हैं । इनमें से चेस्ट्नेट और कोका थे । रसीला फ़ल कोका तो मुक्तेशवर पहुँचते-२ समाप्त हो गया लेकिन चेस्ट्नेट काफ़ी संख्या मे बच गये जो अभी भी लखनऊ आने पर भवाली और मुक्तेशवर की याद दिला रहे हैं ।
चेस्ट्नेट को देखकर भवाली मे मुझे उसके होम्योपैथिक और बैचफ़्लावर दवाओं मे प्रयोगों का स्मरण हो गया । चेस्ट्नेट की कई प्रजातियाँ होम्योपैथिक और बैचफ़्लावर मे इस्तेमाल लाई जाती हैं जिनमें रेड चेस्टनट (Red Chestnut) , स्वीट चेस्टनेट (Sweet Chestnut) , व्हाइट चेस्टनट (White Chestnut) तथा चेस्टनट बड (Chestnut Bud) प्रमुख हैं । इनमे से चेस्टनट बड (Chestnut Bud) या एस्कुलस हिप ( Aesculus Hipp ) बैचफ़्लावर और होम्योपैथी दोनॊ ही मे प्रयोग लाई जाती है लेकिन दवाओं की कार्यप्रणाली दोनॊ ही मे जमीन आसमान का अन्तर है । इन चारों चेस्ट्नट को संक्षेप मे समझने के पहले चेस्टनट पर एक नजर डाल लें ।
साभार : विकीपीडिया
शाहबलूत ( चेस्टनट ) बादाम की प्रजाती का फल है यह अखरोट का ही एक रुप माना जाता है.शाहबलूत भूरे एवं लाल रंग का छोटा सा फल है जिसका उपयोग मेवे के रुप में भी किया जाता है इसका मूल स्थान ग्रीस रहा वहां से यह यूरोप में आया और संपूर्ण विश्व में फैल गया यूरोप ,एशिया और अफ्रीका के देशों में यह प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाला भोज्य पदार्थ है. अभी भी चीन, जापान में एक महत्वपूर्ण खाद्य फसल है, और दक्षिणी यूरोप, जहां वे अक्सर ब्रेड बनाने में इस्तेमाल होता है और इतना प्रसिद्ध है की इसे एक प्रकार का उपनाम दिया गया रोटी का पेड़.
शाहबलूत में पौष्टिक तत्व शाहबलूत में बादाम एवं अखरोट के बराबर कैलोरी मौजूद होती है इसमें का विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, वसा, प्रोटीन इत्यादि तत्व मौजूद होते हैं इसमें स्टार्च की अधीकता देखी जा सकती है.
शाहबलूत का उपयोग शाहबलूत को अनेक प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है.यह आलू के स्थान पर उपयोग में लाया जा सकता है यूरोप, अफ्रीका मे तो यह आलू के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाता है.इसे छीलकर या ऐसे ही कच्चा भी खाया जाता है ओर इसके अतिरिक्त यह पकाकर, तलकर, उबालकर, जैसे भी चाहें उपयोग कर सकते हैं.इसे बनाने का सबसे अच्छा तरीका बेक करना है बेक करने पर यह आलू जैसा स्वाद देता है यह विधि तुर्की, स्पेन उत्तरी चीन, ग्रीस, फ्रांस, कोरिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में लोकप्रिय है.
शाहबलूत से आटा भी तैयार किया जाता है जो ब्रेड बनाने के लिए तो इस्तेमाल किया जाता है इसके साथ ही इसे केक, पैनकेक्स, पास्ता,इत्यादी में उपयोग होता है इसे सूप,सास तथा रसेदार सब्जियों में डाला जाता है जिससे उनमे गाढा पन आए तथा यह भोजन का एक पौष्टिक रुप है इसके आटे से बनी रोटी ज्यादा समय तक ताजी रहती है.
शाहबलूत के स्वास्थ्य लाभ शाहबलूत स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद है यह अनेक रोगों में औषधि रुप में इस्तेमाल होता है खांसी, जुकाम, में इसका सेवन लभदायक होता है श्वास संबंधी समस्याओं मे इस फल को पानी में उबालकर इसका अर्क रोगी को पिलाना चाहिए.शाहबलूत को पीस कर उसमे शहद मिलाकर सेवन करने से काली खांसी में आराम आता है.इस फल के पत्ते से सिरप और टॉंनिक का निर्माण भी किया जाता है.
( साभार : निशामधुलिका.काम )
होम्योपैथिक और बैचफ़्लावर दवाओं मे उपयोग :
एस्कुलस हिप्पोकास्टनम (Aesculus hippocastanum ) होम्यपैथिक उपयोगों मे एस्कुलस की पहचान बवासीर की उपयोगी औषधियों मे से की जाती है विशेषकर बादी बवासीर जहाँ शुष्कता के कारण मल त्याग भारी पीडादायक होता है । इसी शुष्कता के कारण रोगी को किरच सा चुभने का दर्द उत्पन्न होता है जो इस औषधि की विशेषता है । इस औषधि का एक अन्य महत्वपूर्ण लक्षण sacro ilaic joint का कटिशूल है और यही कारण है कि यह sacroiliitis की एक विशेष औषधि है । रोगी को महसूस होता है कि कमर लगभग टूटने वाली है और कोई भी शारिरिक स्थिति उसका निवारण नही कर पाती है ।
बैच फ़्लावर दवायें होम्योपैथिक दवाओं से बिल्कुल अलग हैं , डां बैच के अनुसार , “मनुष्य का शारिरक दु:ख मानसिक रोग का संकेत देता है “ यही वजह है कि बैच फ़्लावर दवायें मानसिक रोगों और psychosomatic diseases में बहुत प्रभावी रोल दिखाती हैं ’ हर बैच फ़्लावर दवाओं की एक मुख्य थीम है और चिकित्सक को रोगी में उस मुख्य थींम को ढूँढंना पडता है जैसे इन ४ चेस्ट्नट दवाओं के थींम अलग –२ हैं ’
रेड चेस्टनट (Red Chestnut) :
Botanical: Aesculus Carnea
Family: Hippocastanaceae
Homeopathic remedy: Not used, although members of the Aesculus genus - Aesculus Hippocastanum and Aesculus Glabra are used.
दूसरॊं के लिये चिन्ता और डर रेड चेस्टनट का स्वभाव है . अगर बच्चा समय पर घर नही पहुँचा तो चिन्ता और अगर भाग कर रोड पार करने लगा तो चिन्ता कि कहीं किसी गाडी के नीचे न आ जाये . व्यर्थ की चिन्ता विशेशकर प्रियजनों की रेड चेस्टनट की मुख्य थीम है ’
स्वीट चेस्टनेट (Sweet Chestnut) :
Botanical: Castanea Sativa
Family: Fagaceae
Homeopathic remedy: Castanea Vesca
मनुष्य की ऐसी मानसिक अवस्था जिसमॆ उसे पूर्ण मायूसी हो जाये , कोई सहारा न दिखे औए वह अपने को लाचार समझने लगे . स्वीट चेस्ट्नट की मुख्य थीम है , “ बेहद मानसिक पीडा , घोर निराशा , मायूसी , बिल्कुल हौसला छॊड देना ” हाँलाकि ऐसे व्यक्ति सामान्य जिन्दगी मे निडर और बहादुर होते हैं ।
व्हाइट चेस्टनट (White Chestnut) :
Botanical: Aesculus Hippocastanum
Family: Hippocastanaceae
Homeopathic remedy: Aesculus Hippocastanum
मुझे याद नही पडता कि व्हाइट चेस्टनट और क्रैब एपल को छॊडकर बाकी कोई बैचफ़्लावर दवा क्लीनिक मे इतनी अधिक प्रयोग की होगी । Obscessive compulsive Neorosis , schizophrenia और कई तरह के psychosis मे इसका उपयोग व्यापक है । और होगा भी क्यूँ नहीं , इसकी थीम ही ऐसी है , “ पुराने और गैरजरुरी ख्यालों मे खोये रहना , तमाम प्रयत्त्न करने के बावजूद भी जो मन मे आ जाये उसे निकाल न पाना , मन ही मन अपने आप से बाते करना और दलीलें करना’।” डां बैच लिखते हैं कि ग्रामोफ़ोन के रिकार्ड की तरह विचारों की सुई सदा घूमती रहती है ।
डां कृष्णामूर्ति ने “An exploratory study on Dr. Bach flower remedies of England” मे इस दवा के प्रयोगों का वर्णन निम्म प्रकार किया :
१. मरिज का अपने आप से बातें करना या एक ही बात या क्रिया को बार-२ दोहराना
२. मन में नापसन्द विचारों का चक्कर लगना ।
३. गिनती गिना, बार-२ दरवाजा बन्द है या नही इसको चेक करना ।
४. बडे हिसाब से प्लान बनाना और फ़िर उस पर अमल न करना ।
५. वहम( delusions ), , भ्लावा ( illusions ), छाया ( hallucinations ) , भूत –प्रेत देखना या उनकी आवाज सुनना ।
चेस्टनट बड (Chestnut Bud) :
Botanical: Aesculus indica
Family: N.O. Sapindaceae
चेस्ट्नट बड की मुख्य थींम मे वह व्यक्ति जिसमे ध्यान का अभाव हो , एक ही गलती को बार-२ करे और टालामटोल की भावना से ग्रस्त हो . स्वभावत : कुछ वच्चे इससे ग्रसित रहते हैं , पढने लिखने मे ध्यान नही लगाते और हर चीज को सीखने मे आना कानी करते हैं ।
तो अगली बार जब आप चेस्टनट खायें तो होम्योपैथिक और बैचफ़्लावर उपयोगों को न भूलें ।
10 comments:
Very good information.Thanks.
Dr.Raj Kumar.
dear sir,if we wish to buy these batchflower medicines by post ,from where we can get them.
give me add and contact no please.regards
dr.bhoopendra
rewa
mp
@ dr bk singh : these medicines are available easily in any reputed homeopathic store . In our country , Dr Zakaraia's New Life Homeopathy, Bhopal is manufacturing the full range of these drugs .
Bahut hi achhi knowledge ....bahut baar khaya par iske baare me kabhi bhi socha hi nahi......har cheej me research karna ek achhi knowledge badata hai....ab aesc. hip. kabhi nahi bhulenge
Dear Brother Dr. Prabhat Tandon - Namaste
It is a great pleasure of mine to go through your most valuable
article which is of great value and information. I highly appreciate
your great services to homoeopathy. God bless you.
With kindest regards
Homoeopathically yours
Dr. Sayeed Ahmad
Thank u sir for giving such a nice information i used bach flower remedies since 5years with very good result
nice article i practising bach flower since 5 yrs with good results
plsend me the add of manufacturer of batchflower medicines.I requested before but to no attention.Pl respond this time.
dear sir, comperativly study of nut remedies of batchflower,i read and impress them .thank you
I believe in Homeopathy...
Post a Comment