पहली बार भारत सरकार ने देश के दो ख्यात होमियो चिकित्सकों को पद्म अलंकरण से सम्मानित है। पद्म अलंकरण से सम्मानित स्व.डा.जुगलकिशोर का होम्योपैथिक चिकित्सा पद्द्ति से गहरा रिशता रहा है । दिल्ली मे ५६ वर्ष की प्रैकिटिस का गहन अनुभव , अनेक होम्योपैथिक पुस्तकों के रचयिता और अनेक भारतीय दवाओं के परीक्षण करके होम्योपैथिक रिपर्ट्री को उन्होनें समृद्ध किया है । गत वर्ष २३ जनवरी २०१२ को वे इस नश्वर शरीर को छोड़ चले गए। विएना और ग्रीस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय होमियो कांग्रेस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनकी पंचकार्ड रेपटरी होमियो चिकित्सकों के लिए बड़ी सहायक बनी हुई है। नेहरू होमियो कालेज व अस्पताल तथा बी . आर. सूर होम्योपैथिक कालेज व अस्पताल में बतौर कंसल्टंट अनेक वर्षों तक सेवाएं दीं। शारदा बायरन होमियो लेब के भी वे सलाहकार रहे।
वर्तमान में डा.मुकेश बत्रा भी इसी तरह होमियोपैथी की पताका को ऊँचाई पर फहरा रहे हैं। वे १९७४ से होमियोपैथी के क्षेत्र में सक्रिय हैं। २००१ में उन्होंने पाजीटिव हेल्थ फाउंडेशन की स्थापना की। वृद्धाश्रम व अनाथाश्रमों को गोद लेकर वहाँ डा.बत्रा की टीम निशुल्क सेवाएँ देती है। डा.बत्रा दूरदृष्टि वाले उद्यमी चिकित्सक हैं। टाइम्स आफ इंडिया सहित अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनके नियमित लेख छपते हैं। टीवी पर भी उनके हैल्थ शो होते रहते हैं।
लेख के लिये आभार : यदा कदा
8 comments:
डॉ जुगल किशोर को यह पुरस्कार बहुत पहले मिल जाना चाहिए ! होमिओपैथी के लिए उनके कार्य हमेशा याद किये जायेंगे !
आभार आपका !
बधाई हो. आज देश में होमियोपैथी दवाईयों की जरूरत है.
They both are pioneers and inspirer. Well deserved for the awards.
डॉ जुगल किशोर होमिओपैथी के लिए उनके कार्य हमेशा याद किये जायेंगे !
डा० टन्डन, यह कहना गलत है कि पद्म पुरस्कार पहली बार किसी होम्योपैथी के चिकित्सक को दिया गया है / कई साल पहले के कुछ पद्म पुरस्कार "होम्योपैथी" के चिकित्सकों को दिये जा चुके है /
डा० जुगल किशोर से और डा० दीवान हरीश चन्द्र से , जब भी मै दिल्ली जाता था, तो होम्योपैथी के इन दोनों दिग्गजों से मै अवश्य मिलता था / डा० जुगल किशोर से या तो उनके घर गोल्फ लिन्क में या उनकी क्लीनिक कन्चन्चन्घा बिल्डिन्ग, कनाट प्लेस के पास मिलने जाता था और डा० दीवान हरीश चन्द्र से उनके हनुमान रोड, स्तिथि क्लीनिक और घर में मिलने जाता था /
अफ्सोस और दुख की बात यह है कि डा० जुगल किशोर को पद्म सम्मान उनके जीवन काल में नही मिला /
यदि यह सम्मान उनको जीवित रहते मिलता तो बात ही कुछ और होती /
Blessed are the people who are devoted to the cause of welfare of mankind by administering homeopathic remedies. Blessed also are the people who recognise the services being rendered by Homeopaths since its origin.
हम इनके प्रयासों की सराहना करने में गौरवान्वित महसूस करते हैं ।
salute to legendry homeopaths
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