मेरी डायरी से -“बैच फ़्लावर औषधि–पाइन”

Friday 30 March, 2012

pine

वनस्पति शास्त्र में चीड़ या पाइन को कोनीफरेलीज़ (Coniferales) आर्डर में रखा गया है। चीड़ दो प्रकार के होते हैं : (1) कोमल या सफेद, जिसे हैप्लोज़ाइलॉन (Haploxylon) और (2) कठोर या पीला चीड़, जिसे डिप्लोज़ाइलॉन (Diploxylon) कहते हैं। कोमल चीड़ की पत्तियों में एक वाहिनी बंडल होता है, और एक गुच्छे में पाँच, या  कम पत्तियाँ होती हैं। वसंत और सूखे मौसम की बनी लकड़ियों में विशेष अंतर नहीं होता। कठोर या पीले चीड़ में एक गुच्छे में दो अथवा तीन पत्तियाँ होती हैं। इनकी वसंत और सूखे ऋतु की लकड़ियों में काफी अंतर होता है।

चीड की लकडी का आर्थिक महत्व भी है, विशव की लकडी की काफ़ी माँग चीड द्वारा पूरी की जाती है । चीड़ की बहुत सी जातियों के बीज खाने के काम आते हैं, जिनमें पश्चिमोत्तर हिमालय का चिलगोजा चीड़ अपने सूखे फल के लिये प्रसिद्ध और मूल्यवान् है। जैसे भारत और पाकिस्तान में - पा. जिरार्डियाना (P. gerardiana) अर्थात् चिलगोजा, यूरोप में - पा. पिनिया (P. pinea) तथा पा. सेंब्रा (P. cembra),  उत्तरी अमरीका में - पा. सेंब्रायडिस (P. cembroides) की कई किस्में, अमरीका के पा. लेंबरर्टिना (P. lambertina) की छाल से खरोंचकर रेजिन की तरह एक पदार्थ निकालते हैं, जो चीनी की तरह मीठा होता है। इसे चीड़ की चीनी कहते हैं।

औषधि के रुप में बैच फ़्लावर मे पाइन एक विशेष प्रजाति Pinus sylvestris  से बनायी जाती है ।

self reproach personality of Pine

 

बैच फ़्ल्लावर औषधि "पाइन" का विशेष लक्षण है , ’ Self-reproach‘ यानि प्रत्येक गलती के लिये अपने को दोषी ठहराना ,यह " guilt complex " या उनमें व्याप्त दोष भाव इतना अधिक प्रबल होता है कि वे किसी भी  घटना के लिये भी अपने को दोषी मानते हैं ।

लेकिन  इस  एक्मात्र लक्षण से एक रोगी मे व्याप्त उसकी कई मानसिक  समस्यायें इतनी जल्दी  दूर होगीं , यह मैने सोचा भी न था । श्री मु.अ. मुस्लिम धर्म के अनुयायी है । पिछ्ले साल रमजान के दिनों मे वह मुझसे मिले । समस्या अनिद्रा की थी । पिछ्ले कई महीनों से उनकी दिन और रात दोनों की ही नीद गायब थी । और गत तीन सप्ताह से किसी   मानसिक रोग विशेषज्ञ से वह इलाज करा रहे थे लेकिन कई anti depressants और नींद की दवा चलने के बावजूद वह सन्तुष्ट नही थे । नीद न आने का कारण  बताने में वह असमर्थ थे  लेकिन कुछ तो था …. जो उनको इतना अधिक व्याकुल और व्यथित किये जा रहा था । लेकिन रोगी खुल कर बताने  को तैयार नही हुआ और इस हाल में जिसका डर था वही हुआ , पहला  प्रिसक्रपशन  coffea 200 देने से कुछ भी लाभ  न हुआ ।

दो दिन बाद उनके घर से उनकी पत्नी और बेटे को बुलाना पडा । इस बार केस हिस्ट्री  पूरी तरह से ली गई । ज्ञात हुआ कि वह सनू २०१० मे वे एक उच्च  सरकारी पद से रिटायर हुये थे , जो ग्रैच्चुयिटी आदि उनको मिली वह ब्याज समेत  थी । और शायद यही उनके मन की उलझन भी थी । दोष भाव या guilt complex से वह इतना अधिक ग्रस्त थे कि बात –२ पर वह रो पडते । ज्ञात हो कि मुस्लिम धर्म में उनके शास्त्रों के अनुसार  ब्याज की रकम का उपयोग वर्जित है । और यही उनके मन की उलझन  का कारण भी था ।

मेरे सामने दो विकल्प थे ;होम्योपैथी या बैच फ़्लावर । लेकिन बैच फ़्लावर को अधिक सुगमता और सरलता की वजह से प्राथमिकता दी । पाइन की कुछ खुराखॊ मे वह पूर्णतया स्वस्थ हुये । दो दिन बाद वह जब मुझसे मिले तो प्रसन्नचित थे , नीद तो भरपूर आथी थी और साथ ही मन की उलझनें तो बिल्कुल नही दिखीं । मैने हँसते हुये उनसे पूछा कि ब्याज की रकम की समस्या का निपटारा कैसे करेगें जनाब , बिल्कुल हलके मन से वह बोले इसका भी उचित समाधान निकाल लूगाँ ।

बैच फ़्लावर औषधियों की यह  एक प्रमुख विशेषता है जो मुझे इस पद्दति में आकृष्ट करती है , रोगी के ऋण पक्ष (negative thoughts) को धन्न पक्ष ( positive thoughts ) में बदलना ।

पाइन स्वभाव वाले व्यक्तित्व के कुछ और ऋण पक्ष : 

  • हीन भावना (guilty complex )
  • स्वदोषी ( self reproach )
  • अन्तर्मुखी ( introvert )
  • बात-२ में क्षमा करने का उपयोग करना ।
  • दूसरों के दोषों के लिये भी अपने को दोषी ठहराना ।
  • संकोची व्यक्तित्व

KEYNOTES OF PINE :-

  Self-reproach, guilt feelings, despondency.
-Tired and worn out feeling.
-Never really satisfied with themselves.
-Blame themselves, asks more of himself than of others, and if the high standards applied to himself cannot be lived up to, he feels guilty and desperately blames himself in his heart.
-Will tend to be the scapegoat in the class and will uncomplainingly take the punishments for crimes they have not even committed.
-Always apologizing and using apologetic phrases in conversation.
-Feels guilty when need arises to speak firmly to others.
-Childish nervousness.
-Feels unworthy, inferior. Considers self a coward.
-Masochistic desire to sacrifice themselves and may punish themselves for life by choosing an inconsiderate partner.
-Religious beliefs strong, sees sexuality as sin.
-Negative narcissism.
-Personality shuts itself off from love, feels undeserving of love.
-Feeling he does not deserve anything.
-Introverted, little joy in life.

इसको भी देखें :

चेस्टनट–होम्योपैथिक और बैचफ़्लावर पद्दतियों मे उपयोग ( Chestnut–Homeopathic & Bach flower uses )

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