4: साइनोडोन डैक्टाइओन (Cyanodon D )
सामान्य नाम-दुर्बा
संस्कृत- ग्रंथि,दूबा
हिन्दी- दूब, हरियाली
अंग्रेजी-Bahama grass
परिवार-ग्रैमिनिया
विवरण-यह 2400 मीटर की ऊचांई तक पूरे भारत मे पायी जाने वाली एक बारह मासी घास है। यह दो प्रकार की होती है-हरा और सफ़ेद्। पशिचमी पंजाब के बलुयी
क्षेत्र को छोड कर यह पूरे भारत वर्ष मे पायी जाती है। यह ठंडे मौसम मे कम होती है तथा सडक के किनारे देखी जा सकती है।
पर्परागत रूप से आर्युवेद मे नासारक्त्स्त्राव, रक्तस्त्राव, दस्त और पेचिश मे इसका उपयोग होता रहा है।
एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली मे भी इसके व्यापक प्रमाण मिलते हैं। मूलत: इसका प्रयोग के प्रमाण खुजली,सिफ़लिस और डाइयूरिटिक( मूत्र बढाने के लिये) के लिये मिलते हैं।
होम्योपैथिक प्रयोग:-
डा शरत चन्द्र घोष की ' Drugs of Hindustan ' मे इस औषधि का उल्लेख है तथा डा जुगल किशोर ने कुछ रोगियों पर प्रमाणित भी किया है। C.C.R.H. द्ववारा पाँच विभिन्न केन्द्रों मे विस्तार से इसका प्रमाणन किया गया है।
नासारक्त्स्त्राव, चोट से खून बहना आदि मे रक्त्स्त्रावरोधी के रूप मे इस औषधि को सत्यापित किया गया है।
नासारक्त्स्त्राव (Epistaxis)- सुर्ख लाल रक्त ।
दस्त-आरभिक अवस्था मे। पेचिश के साथ, रक्त मिश्रित पतला और जलीय मल , भूख मे कमी तथा पित्ग्रस्त मितली। कोलाइटिस मे प्रभावी। इसके अलावा खूनी पेचिश मे भी प्रभावी है.
पोटेन्सी- :- Q,6x
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
अगर यही बातें कुछ आसान शब्दों मे लिखदें तो हम जैसों की समझ मे बात आजाए - वैसे भी आप अच्छा लिखते हैं।
pimpal ke liya kaun si homeopathic dawa lina chhahiye ?
ple send
Post a Comment